मन बहुत आहत होता है, जब मैं देखती हूँ हिमालय पर जमी स्फटिक शिला सी बर्फ पिघल कर सड़क मन बहुत आहत होता है, जब मैं देखती हूँ हिमालय पर जमी स्फटिक शिला सी बर्फ ...
एक और सपूत सो गया सब सपने अपने साथ ले गया पर नाम बहुत ऊंचा कर गया भारत माँ की उत्कृष्ट सेवा कर गया। एक और सपूत सो गया सब सपने अपने साथ ले गया पर नाम बहुत ऊंचा कर गया भारत माँ की उत...
बहुत मज़ा बहुत मज़ा
हर आदमी फिर जीते जी रोज-रोज थोड़ा मरता है ! हर आदमी फिर जीते जी रोज-रोज थोड़ा मरता है !
आहत की आवाज़। आहत की आवाज़।
पीछे पलट के ज़िन्दगी को देखा है बार बार यादों के पार्सल आते रहते है बारम्बार पीछे पलट के ज़िन्दगी को देखा है बार बार यादों के पार्सल आते रहते है बारम्बार